साबूदाना, जिसे अंग्रेजी में ‘Tapioca Pearls’ कहा जाता है, एक विशेष प्रकार की सागौदाना है जो ताजगी और सुगंध से भरी होती है। यह ताजा केन्द्रीय अमेरिका, ब्राजील और एशियाई देशों में पाई जाती है और विभिन्न विकसित राष्ट्रों में पैदा होती है। साबूदाना, जो ताजगी और स्वाद से भरी होती है, विशेषकर व्रतों और उपवासों में एक लोकप्रिय आहार है। इसे देवी विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान खाया जाता है, लेकिन इसका सेवन अन्य समयों में भी किया जाता है। SABUDANA KA CHILA Tapioca Sago साबूदाना के गोले सफेद और गोलारेखा के रूप में होते हैं और इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों, खीरों, खिचड़ियों, और चटनी में किया जाता है। यह व्रत के दौरान भी लोकप्रिय है और उबालकर या भिगोकर इसे बनाया जा सकता है। साबूदाना में प्रोटीन, आयरन, और कैल्शियम की मात्रा भी होती है जो इसे स्वस्थ और पौष्टिक बनाता है।
आज महाशिवरात्री है और अन्य उपवास भी अप शुरू होने वाले हैं। हिंदू कल्चर में उपवास के दिन काफी खाना खाया जाता है उपवास वाला खाना जैसे साबूदाना साबूदाने की खीर बगैर ओर सिंघाड़े का आटा इससे बने हुए व्यंजन प्रयाग हमलों को बड़े भाते हैं। अगर देखा जाए तो साबूदाने से ही तीन- चार बहुत ही ज़बरदस्त व्यंजन बनाए जाते हैं जैसे कि साबूदाना का वादा साबूदाना चिल्ला और साबूदाने की खिचड़ी मराठी में उसको साबूदाने usual bhi kaha jata hai.
तो आज हम बनाते हैं साबूदाने का चिल्ला जिसमें बहुत सारे आलू का प्रयोग हम करने वाले हैं डायट कॉन्शस लोग सॉरी ये वाली डिश आपके लिए नहीं है क्योंकि इसमें बहुत सारा शुगर बहुत सारे कैलोरीज होने वाले हैं पर अगर आप ये डिश एक बार खा लेते है तो आप बार बार इसे खाना पसंद करेंगे खाना चाहेंगे तो चलिए बनाते हैं सावधानी का चिल्ला
कब खाएं
- उपवास के दौरान: साबूदाना उपवासी आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे व्रतों में खाना सुनिश्चित करता है।
- पौष्टिकपूर्ण भोजन के रूप में: साबूदाना पौष्टिक और हल्के भोजन का अच्छा विकल्प है जो समय-समय पर शामिल किया जा सकता है।
- पेट की खराबी के समय: यह पेट की खराबी जैसी स्थितियों में आसानपर अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें सुलभानुमति से पाचन होता है।
क्यों खाएं
- उपवासी आहार: साबूदाना उपवास में खासकर मिल्ता है क्योंकि यह अनाजों से बना होता है और निर्जला व्रतों के लिए अच्छा है।
- पौष्टिकता: इसमें पौष्टिक तत्वों का समृद्धित होना, जैसे कि कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन, से भरपूर होता है जो सेहत के लिए फायदेमंद है।
- आसानी से पाचनीय: साबूदाना का सेवन आसानपर पाचनीय होता है और यह बच्चों से लेकर बड़ों के लिए भी उपयुक्त है।
साबूदाना को समझकर और उचित रूप से खाकर आप इसके स्वास्थ्य लाभों का आनंद ले सकते हैं।
साबूदाना और आलू कसकर चीला बनाने की विधी
सामग्री:
- 1 कप साबूदाना
- 2 आलू, कद्दूकस किए हुए
- 1/2 कप सिंघाड़ा आटा
- 1 हरा मिर्च, कद्दूकस किया हुआ
- 1/2 चम्च जीरा
- धनिया पत्ती, कटा हुआ
- स्वाद के अनुसार नमक
- तेल, चीला बनाने के लिए
निर्देश:
- साबूदाना भिगोएं:
- साबूदाना को धोकर पानी में 3-4 घंटे के लिए भिगोकर रखें।
- सभी सामग्री को मिलाएं:
- भिगोए गए साबूदाना, कद्दूकस किए हुए आलू, सिंघाड़ा आटा, हरी मिर्च, जीरा, धनिया पत्ती, और नमक को एक बड़े पात्र में मिलाएं।
- बैटर बनाएं:
- सभी सामग्री को अच्छे से मिलाकर एक बैटर बनाएं, जिसकी ठंडक रखें।
- चीला बनाएं:
- एक तवे पर तेल गरम करें।
- एक लड़ी में बैटर डालकर धीरे से तवे पर गोले चीले बनाएं।
- सुनहरी रंग आने तक सेंकें:
- चीला को सुनहरी रंग आने तक सेंकें और फिर उलटा करें।
- पूरा बनाएं:
- दोनों ओर से अच्छे से सेंकें और सर्व करें।
- सर्व करें:
- गरमा गरम साबूदाना और आलू के चीले को धनिया की चटनी और दही के साथ सर्व करें।
ये साबूदाना और आलू के चीले तैयार हैं, इन्हें गरमा गरम खाकर आप अपने व्रत या बिना व्रत के खास मौकों पर आनंद ले सकते हैं।
साबूदाना की कैलोरी
साबूदाना एक पौष्टिक और सार्थक आहार है जो उपवास और विशेष अवसरों पर खाया जाता है। यह आहारशालीन होने के साथ-साथ कई पोषणतत्व भी प्रदान करता है।
साबूदाना की कैलोरी
- 100 ग्राम साबूदाना की कैलोरी: लगभग 350 कैलोरी
- 1 कप साबूदाना (बिना तेल विशेष): लगभग 100 ग्राम, इसमें लगभग 350 कैलोरी होती हैं
कैलोरी की दूसरी मात्रा
- 1 बड़ा कटोरा साबूदाना खिचड़ी: लगभग 1.5 कप, इसमें लगभग 525 कैलोरी होती हैं
- 1 कटोरा साबूदाना खिचड़ी (दही के साथ): इसमें लगभग 600 कैलोरी होती हैं
ये कैलोरी की मात्राएँ आपके खाद्य तत्वों और उपयोग के आधार पर बदल सकती हैं, लेकिन साबूदाना को मात्रम 100 ग्राम के हिसाब से देखते हुए, यह एक सार्थक और पौष्टिक आहार है जो समझदारी से सेवन किया जा सकता है।
Prioritize your health – always consult with your doctor before making significant changes to your diet or consuming new substances.
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